
Supreme Court: अंतिम सांस तक जेल में रहेगा नाबालिग बच्चों का हत्यारा, कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला
सुप्रीम कोर्ट ने अपने दो नाबालिग बच्चों की हत्या के आरोपी एक व्यक्ति की मौत की सजा को बिना किसी छूट के आजीवन कारावास में बदल दिया। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने रमेश ए. नाइका की मौत की सजा के खिलाफ अपील को स्वीकार करते हुए 13 फरवरी को उसकी सजा को बरकरार रखा। पीठ ने कहा कि सजा बरकरार रखी जाती है। पीटीआई, नई दिल्ली। अपने दो नाबालिग बच्चों की हत्या करने वाले एक पूर्व बैंक मैनेजर की मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने कम करते हुए ''ईश्वर द्वारा प्रदत्त अंतिम सांस तक'' उसे जेल में ही रहने का आदेश दिया।
जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने रमेश ए. नाइका की मौत की सजा के खिलाफ अपील को स्वीकार करते हुए 13 फरवरी को उसकी सजा को बरकरार रखा।पीठ ने कहा, ''अपीलकर्ता-दोषी की हत्याओं के लिए सजा बरकरार रखी जाती है। लेकिन, अब उसे कोई छूट नहीं दी जाएगी और उसे जेल में ही अपने प्राकृतिक अंत की प्रतीक्षा करनी होगी।''
Source:jagran.com