साइबर ठगों के निशाने पर Jagannath Rath Yatra, 317 पर्यटक फंसे; 11 फर्जी वेबसाइटों की लिस्ट हुई जारी

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राजस्थान के साइबर अपराधियों ने पुरी रथ यात्रा को निशाना बनाया है। उन्होंने फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से पर्यटकों को अग्रिम होटल बुकिंग के नाम पर ठगा है, जिससे 317 पर्यटक प्रभावित हुए हैं। क्राइम ब्रांच ने 11 ऐसी फर्जी वेबसाइटों का पता लगाया है और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।  क्राइम ब्रांच को सनसनीखेज शिकायत मिली है कि साइबर क्रिमिनल गैंग ने भूत होटल नाम से वेबसाइट खोलकर 317 पर्यटकों को ठगा है। अग्रिम होटल बुक करने की आड़ में रथयात्रा में आने वाले पर्यटकों को लूट लिए जाने की घटना ने चिंता पैदा कर दी है।

 

साइबर अपराधियों ने रथयात्रा के लिए पुरी समेत भुवनेश्वर और कटक में होटल बुक करने के लिए कई फर्जी होटल ऑनलाइन खोल रखे हैं।गिरोह प्रमुख होटलों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाता है और आकर्षक कमरों, गारंटी बुकिंग और कम कीमतों पर आकर्षक छूट के बारे में इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन देकर पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है।

 

पर्यटकों को बुकिंग के समय पूरा भुगतान यूपीआई, वॉलेट या बैंक खाते के माध्यम से भेजने के लिए कहा जा रहा है। गिरोह की ओर से फर्जी कस्टमर केयर नंबर भी जारी किए गए हैं।पैसे के भुगतान के बाद रसीदें भी ऑनलाइन भेजी जा रही हैं। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि जब गूगल इन शहरों के प्रमुख होटलों के बारे में सर्च करता है तो इन फर्जी वेबसाइट्स की लिस्ट सबसे ऊपर आती है।क्राइम ब्रांच ने इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। क्राइम ब्रांच के डीजी विनय मिश्रा के निर्देश पर एक विशेष इंटरनेट मीडिया टीम का गठन किया गया है। टीम ने नेट पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। गूगल और अन्य प्लेटफॉर्म से संपर्क कर फर्जी वेबसाइटों को तुरंत हटाने की कोशिश की गई है।पर्यटकों को गूगल मैप का उपयोग करके होटल के पते और नंबर को क्रॉसचेक करने के लिए कहा गया है। यह सलाह दी जाती है कि बुकिंग के समय सभी भुगतानों का अग्रिम भुगतान न करें और सुरक्षित भुगतान गेटवे का उपयोग करें।क्राइम ब्रांच ने सलाह दी है कि होटल बुक करते समय ठगी होने या किसी संदिग्ध वेबसाइट के बारे में जानकारी मिलने पर तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।

Source:jagran.com


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