Russia-Ukraine युद्ध में गेम चेंजर माने जा रहे जर्मनी के लैपर्ड टैंक का रूसी सेना उड़ाया चीथड़ा, जेलेंस्की समेत यूरोप को झटका

अंतरराष्ट्रीय

कीवः रूस-यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति जेलेंस्की के लिए गेम चेंजर माने जा रहे जर्मनी के खतरनाक लैपर्ड टैंक के रूसी सेना ने टुकड़े-टुकड़े कर दिए हैं। रूसी ड्रोन हमले से ध्वस्त हुआ लैपर्ड टैंक और यूक्रेन के तथाकथित 'गेम-चेंजर' की राख डोनबास की कीचड़ भरी जमीन पर पड़ा है। यह हमला उस वक्त हुआ, जब यूक्रेन की सेना का एक काफिला आगे बढ़ रहा था। राष्ट्रपति जेलेंस्की की 'गेम-चेंजर' मशीन जर्मन लैपर्ड 2A6 टैंक अपनी चमकदार तोपों के साथ दुश्मन की ओर दहाड़ रही थी।

 

कीव निवासी 28 वर्षीय कैप्टन अलेक्जेंडर लैपर्ड टैंक की केबिन में बैठा था। वह अपने रेडियो पर सहयोगियों से बोला, "यह टैंक रूसियों को पीछे धकेल देगा। जर्मनी से गिफ्ट में मिला लैपर्ड यूक्रेन की उम्मीदों का प्रतीक था। जिसका भारी कवच, 120 एमएम तोप और 70 किमी/घंटा की रफ्तार। जेलेंस्की ने इसे 'युद्ध का मोड़' कहा था। मगर आकाश में अदृश्य शिकारी की तरह घूम रहे रूसी ड्रोन लानेट की एक भीषण गर्जना ने जेलेंस्की के इस सपने को टुकड़ों में बिखेर दिया। रूसी ऑपरेटर सर्गेई इस ड्रोन को डोनेट्स्क के एक गुप्त बंकर से कंट्रोल कर रहे थे। सर्गेई ने ट्रिगर दबाया, निशाना लॉक किया और कुछ फुसफुसाया। इसके बाद पहला विस्फोट लैपर्ड के ट्रेड्स पर हुआ, इससे धातु के टुकड़े उड़ गए। टैंक कांपा, लेकिन अलेक्जेंडर ने आवाज दी "आगे बढ़ो!" लेकिन तभी दूसरा ड्रोन आया और सीधा इंजन पर गिरा। विस्फोट की लपटें भड़कीं और यह टैंक टुकड़ों में बिखर गया। 

 

जर्मनी का लैपर्ड जो युद्ध का गौरव था, वह अब धुंधले धुएं में लिपटा स्मोल्डरिंग रेक हो गया। तोप टूट गई, कवच फट गया, चालक दल बाहर कूदे, लेकिन आग ने सब कुछ निगल लिया। "मदद के लिए चिल्लाए...हम जल रहे हैं!" अलेक्जेंडर की चीख रेडियो पर गूंजी, फिर खामोशी छा गई। इधर रूसी खेमे में जश्न का माहौल हो गया। सर्गेई ने रूसी सेना को रिपोर्ट किया, "जेलेंस्की का लैपर्ड टुकड़ों में बिखर गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 


Source:indiatv.in


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